“पाकिस्तान – राजनीति, क्रिकेट और बिरयानी में कॉमेडी का सेंटर”

    पाकिस्तान – मज़ाक ही मज़ाक में

।वैसे तो पाकिस्तान की पहचान उनके "फास्ट बॉलर" और "धीमे दिमाग वाले नेता" दोनों से होती है। क्रिकेट में इनकी खासियत ये है कि जब जीते तो चाँद पर पहुँच जाएँ और जब हारें तो अपने ही खिलाड़ी को ट्रक की बत्ती समझ कर कोसना शुरू कर देते हैं।

पाकिस्तान के हालात

सबसे मज़ेदार बात ये है कि पाकिस्तान में हर चीज़ "जल्दी" होती है—बस तरक्की छोड़कर। चुनाव जल्दी, वज़ीर-ए-आजम जल्दी बदलना, और टीवी चैनल पर जल्दी-जल्दी चीखना। वहाँ की न्यूज डिबेट देख लो—ऐसा लगता है जैसे कोई शादी में डीजे वाला स्पीकर फुल वॉल्यूम पर बजा रहा हो।

राजनीति की बात करें तो पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की कुर्सी वैसी है जैसे किसी गेम शो की कुर्सी—कभी इमरान, कभी नवाज़, कभी कोई और। वहाँ जनता से ज़्यादा कुर्सी थक जाती है। और मज़ेदार ये कि हर नया प्रधानमंत्री आते ही कहता है – “कसम से मैं ही पाकिस्तान बदल दूँगा”, लेकिन बदलता कुछ नहीं, उल्टा और गड़बड़ा जाता है।

अब आते हैं उनकी "इनोवेशन" पर। पाकिस्तान में चीज़ों की नकल करने का बड़ा शौक है। इंडिया में नया मोबाइल लॉन्च हुआ? तो उधर पाकिस्तान में उसका "डुप्लीकेट" अगले दिन तैयार। बॉलीवुड का नया गाना आया? उधर पाकिस्तान में उसका "रिमिक्स-रिमिक्स" वर्ज़न तैयार। यहाँ तक कि वहाँ के मीम्स भी कॉपी करके बनाए जाते हैं।

खाने-पीने में पाकिस्तान की एक खास डिश है – "बिरयानी"। वैसे बिरयानी तो पूरी दुनिया में है, लेकिन वहाँ की बिरयानी में चावल से ज़्यादा आलू मिलते हैं। शायद इसलिए लोग मज़ाक में कहते हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और उनकी बिरयानी—दोनों में ही “आलू” का ज्यादा योगदान है।

क्रिकेट छोड़कर अगर टीवी ड्रामा देखो, तो आपको लगेगा कि हर कहानी में औरतें सिर्फ रोने और मर्द सिर्फ गुस्सा करने के लिए पैदा हुए हैं। एक ही सीन को 10 बार दिखाया जाएगा, और बैकग्राउंड म्यूजिक इतना तेज़ होगा कि पड़ोस वाला भी डर जाए।

पाकिस्तान का एक और फनी हिस्सा है—उनके "यू-टर्न"। चाहे क्रिकेट हो, राजनीति हो, या विदेश नीति—वहाँ हर दूसरे दिन यू-टर्न होता है। जैसे गाड़ी स्लिपरी रोड पर बार-बार घूम रही हो।

अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें तो पाकिस्तान की इमेज ऐसी है जैसे क्लास में वो बच्चा जो हर चीज़ में “मास्टर जी, मैंने भी किया था!” कहकर अपनी मौजूदगी साबित करता है।

अंत में, पाकिस्तान पर एक लाइन कहना सही होगा:

“वो मुल्क है जहाँ हर चीज़ में ड्रामा है—चाहे राजनीति हो, क्रिकेट हो, या बिरयानी में आलू की भरमार।”





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